आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश, 5-5 लाख रुपये में हुआ नौकरी का सौदा, जानें- पूरी डिटेल

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने का दावा किया है. सीआईएसएफ की आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले गैंग के सरगना समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का दावा है कि 5-5 लाख रुपये में अभ्यर्थियों से नौकरी का सौदा किया गया था. परीक्षा पास करने की जिम्मेदारी गैंग ने ली थी. अभ्यर्थी की जगह चीटर परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें समय रहते पकड़ लिया गया. पुलिस ने मामले में बड़ा खुलासा किया.

दरअसल सीआईएसफ उतई में जीडी आरक्षक की भर्ती परीक्षा चल रही है. इस दौरान कुछ संदिग्ध युवक वहां नजर आए. पुलिस उनपर नजर बनाए थी. संदिग्ध युवक भर्ती परीक्षा का प्रवेश पत्र लेकर पहुंचे. जब प्रवेश पत्र में लगी फोटो, आधार कार्ड और बायोमेट्रिक टेस्ट किया गया तो फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुआ. इसके बाद युवकों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो बड़ा खुलासा हुआ. आरोपी युवकों ने बताया कि वे मूल आवेदकों की जगह खुद ही परीक्षा देने पहुंच गए थे.

मुरैना का है सरगना
दुर्ग एसएसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बीते गुरुवार को मामले में बड़ा खुलासा किया. एसएसपी पल्लव ने बताया कि पकड़े गए युवकों में एक मध्य प्रदेश के मुरैना का रहने वाला है, जो गैंग का सरगना भी है. जबकि पांच अन्य युवक उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं. सभी आरोपी छत्तीसगढ़ का निवासी और छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों के नाम पर आधार कार्ड बनवा रखा था और मूल अभ्यर्थी की जगह पर यह युवक शामिल होते थे.

पुलिस ने बताया कि गैंग का सरगना दुर्गश तोमर मुरैना का रहने वाला है. दुर्गेश ने पुलिस को बताया कि पांच-पांच लाख रुपए में आवेदकों से सौदा तय हुआ था. चूंकि जीडी आरक्षक भर्ती परीक्षा अलग अलग चरणों में होती है और इसमें वे मूल अभ्यर्थी की जगह अपने गिरोह के युवक को भेजते थे. इस प्रकार इन लोगों द्वारा अभ्यर्थियों को नौकरी का भरोसा दिलाया और पैसे भी लिए. पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में दुर्गेश सिंह तोमर के अलावा आगरा निवासी चंद्रशेखर, श्यामवीर सिंह, महेंद्र सिंह, अजीत सिंह, व हरिओम शामिल हैं.

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